‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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''विश्र्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में शासन क्या माननीय न्यायपालिका चलाएगी''?

2 comments
हाल ही में माननीय उच्चतम न्यायालय ने भंडारण की कमी के कारण सड़ते हुए अनाज के भण्डार पर केंद्रिय शासन को यह निर्देश   दिया कि वह अनाज की भण्डारण क्षमता पूर्ण न होने के कारण पूरा अनाज खुले में पड़े होने से खराब हो रहा है अतः उसे गरीबों के बीच बांट दिया जायें। बाद में इस सबंध में पुनः १९ अगस्त को निर्देश पारित किये गये। अब ३१ अगस्त को माननीय उच्चतम न्यायालय ने १९ अगस्त के आदेश के सबंध में यह स्पष्टीकरण किया गया कि वह सुझाव नहीं बल्कि आदेश है।

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2 Responses so far.

  1. Unknown says:

    isi byawastha ka nam to lokatantr hai
    arganikbhagyoday.blogspot.com

  2. Jahan shashn me nyaye na ho| Nayaepalika ko hastkshep karna pad jaye| Jahan apne adhikar ke liye ladna wichchintawaad kahaye|

    Jahan 20 chor, 40 dakait, 15 jaalsaaz our 5 katilon me se hame chunne ko kaha jaye to kaheka sabse bada ganatantra!

    Jis desh ki karib 7500 saal ka Itihas rahchuka hai ki janta kisike nakhs-e-kadam pe chalna! wahan 60-62 saal me hum ye shochlen ki sabhi apana maat dene ke kabil ho sake honge?

    "Aaj ye baath kore kaghaz pe klikhaker meri hastakshar le lo, Desh ka loktantra khatre me hai our jald khatm hone wala hai!"

 
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