‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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कॉमनवेल्थ

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कॉमनवेल्थ कॉमनवेल्थ
                   आ गया लो कॉमनवेल्थ
कितने मुद्दे अपने साथ
                   और लाया कॉमनवेल्थ
किसने खाया किसको खिलाया
                  बता न पाया कॉमनवेल्थ
कितनी अभी और नई कहानी
                 हमको सुनाएगा कॉमनवेल्थ
बारिश आई चली गई
                फिर भी न डोला कॉमनवेल्थ
गरीबो ने अपनी मेहनत से
                खूब सजाया कॉमनवेल्थ
बाड़ से बेहाल जनता को
               नज़र अंदाज़ कर गया कॉमनवेल्थ
नेतागड़ सब व्यस्त थे
              क्युकी बहुत करीब था कॉमनवेल्थ
भूखी जनता रो - रो हारी
               उनको क्या देगा ये कॉमनवेल्थ
ये सब  तो चलता  ही रहेगा
             अब कह भी दो स्वागत  कॉमनवेल्थ !
 
 
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