‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
Powered by Blogger.
 

धर्म

0 comments

बहस से बड़ी कोई बहस नहीं है ,                               
                  धरम से बड़ी कोई जागीर नहीं है  !
ये दुनिया वालो की बनाई हुई  हस्ती है ,
                  इस पर कोई  बहस मुमकिन ही नहीं है  !
क्युकी, धर्म से बड़ी कोई ज़ंजीर नहीं  है !
 
स्वतंत्र विचार © 2013-14 DheTemplate.com & Main Blogger .

स्वतंत्र मीडिया समूह