‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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भोर भई दिन चढ़ गया

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भोर भई दिन चढ़ गया मोरी अम्बे-2

हो रही जय-जयकार मंदिर विच, आरती जय मॉ,

पहाड़ा वाली आरती.............।

काहे की मैया तेरी आरती बनावा-2

काहे दी पावा विच बाती, मंदिर विच आरती जय हो मॉ,

हो चोलिया वाली आरती जय मॉ। हो पहाड़ावाली...........।

सर्व सोने दी तेरी आरती बनावा-2

अगर कपूर पावा बाती, मंदिर विच आरती जय हो मॉ

हो पिंडी वाली आरती जय मॉ। हो पहाड़ा वाली...............।

कौन सुहागन दिवा वालेया जी मैया-2

कौन जगेगा सारी रात मंदिर विच आरती, जय मॉ

हो खप्पार वाली आरती जय मॉ। हो पहाड़ा वाली.............

भोर भई दिन चढ़ गया मोरी अम्बे-2

हो रही जय-जयकार मंदिर विच, आरती जय मॉ,

ओ वैष्णों रानी आरती जय मॉ। हो पहाड़ा वाली................।

सर्वसोहागन दिवा वालेया जी मैया-2

ुज्योत जगेगी सारी रात, मंदिर विच आरती जय मॉ,

हो त्रिपुदा रानी आरती जय मॉ। हो पहाड़ा वाली............।

जुग-जुग जिवे तोरा जमुवे दा राजा-2

जिस तेरा भवन बनाया, मंदिर विच आरती जय मॉ,

हो अम्बे रानी आरती जय मॉ। हो पहाड़ा वाली...................।

हिंगर चरण तेरा ध्यान यश गावे-2

जो ध्यावे सो ही फल पावे

रखभावे दी लाज, मंदिर विच आरती जय मॉ,

हो मंदरा वाली आरती जय मॉ। हो पहाड़ा वाली............।

 
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