‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
Powered by Blogger.
 

क्या होता है ये प्यार

10 comments


प्यार..................... केसा   होता है प्यार ?
जो हमेशा दिल की ही सुनता हो
क्या वो करता है प्यार ?
वो तो कभी ठहरता ही नहीं
वो किसी एक से केसे कर सकता है प्यार ?
किसी की खूबसूरती तो देखा ......
तो उसके  हो गये  यार ...............
क्या उसको कह दे प्यार ?
किसी की बातो ने मोह लिया
हम तो चल दिए उसके नाल
तो बस फिर भी हो गया प्यार ?
किसी की अदाओ ने क्या  मारा
यार हमे तो फिर चढ़ गया बुखार
जब इन सब का नाम है प्यार
तो फिर किसी एक इन्सान से कोई
केसे कर सकता है प्यार ?
यहाँ तो रिश्ते हर पल बदलते हैं
राह मै कई लोग फिर मिलते हैं
दिल है की हर पल बदलता है
हर रोज़ नई खवाइश करता है
फिर एसे रंग बदलती दुनिया मै
किसको कहते हैं प्यार ?
ज़रा एक बार बता दो न मुझको
कहाँ आके ये दिल  ............ठहरता है  ?
ज़रा एक बार मै भी तो जानू
क्या सच मै ये सब  होता है ?
जिसके चलते सबका दिल .............
फिर यु जोरो से धडकता है .............................

10 Responses so far.

  1. Vijay Agrawal says:

    केसा होता है प्यार ?
    wo to usey b nahi pata jisne pyar banaya hai..

  2. Akhil says:

    menu ki pata mem sahab ye pyar kya hota hai jee

  3. Jyoti says:

    जिसके चलते सबका दिल .............
    फिर यु जोरो से धडकता है

  4. Jyoti says:

    जिसके चलते सबका दिल .............
    फिर यु जोरो से धडकता है

 
स्वतंत्र विचार © 2013-14 DheTemplate.com & Main Blogger .

स्वतंत्र मीडिया समूह