धर्म, अध्यात्म और परमार्थ की त्रिवेणी प्रवाहित होगी
श्रीराम महोत्सव हेतु भूमिंपूजन 22 को
बैतूलः- सूर्यपुत्री मां ताप्ती के तट पर स्थित खेड़ीघाट में 8 से 16 दिसम्बर तक होने वाले ‘‘श्रीराम महायज्ञ एवं श्री रामचरित मानस पारायण’’ के लिए 22 नवम्बर सोमवार को प्रातः 9 बजे भूमिं पूजन किया जाएगा। समूचे मध्यभारत में अपनी तरह का यह अनूठा धार्मिक आयोजन है, जहां धर्म, अध्यात्म और परमार्थ की त्रिवेणी प्रवाहित होगी। इस अनूठे आयोजन में भारतवर्ष में उपलब्ध सम्पूर्ण रामायणों पर देश के प्रख्यात एवं प्रकाण्ड विद्वान अपने विचार प्रकट करेंगे। अनेको ब्राम्हणों का यज्ञोपवीत संस्कार होगा एवं निर्धन कन्याओं के विवाह भी सम्पन्न होंगे। भूमिं पूजन कार्यक्रम में कई प्रशासनिक अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं पत्रकारगण उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति ने महोत्सव में पधारने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समुचित व्यवस्थाएं की है। यह आयोजन श्रीराम सेवा समिति के तत्वावधान में मानस महारथी पं. निर्मल कुमार शुक्ल के मार्गदर्शन में सम्पन्न होगा।
मॉ ताप्तीजी के पावन तट पर सूर्यवंशावतंश मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीरामजी की प्रसन्नता हेतु एवं जनमानस में श्रीराम भक्ति की अभिवृद्धि तथा चराचर विश्व के मंगल की दिव्य भावना से श्रीराम महायज्ञ का पावन कार्यक्रम दिनांक 08 दिसम्बर से 16 दिसम्बर तक होगा। इस आयोजन के तीसरे दिन पंचमी तिथि को देवयोग से भगवान श्रीराम के विवाह का प्रसंग होगा, त्रेता युग में इसी तिथि को सीता माता एवं भगवान श्रीरामजी का विवाह हुआ था। वक्तागणों में चित्रकूट से श्री श्री 1008 रामानन्दाचार्य कामतगिरी पीठाभीस्वर स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज, श्री मुरलीदासजी महाराज एलकीमठ (महाराष्ट्र), मानस कोकिला नीलम गायत्रीजी (झांसी), श्री आलोकजी मिश्र (कानपुर), पत्रकार विचारक एवं चिंतक श्री गीत दीक्षित (भोपाल), नवान्ह परायण आचार्य पंडित जगजीवनजी शुक्ला (प्रयाग), श्री रघुनाथदास जी रामायणी (करेली), यज्ञाचार्य श्री केशवप्रसादजी उपाध्याय (रहटगांव) पधारेंगे।
श्रीराम महोत्सव हेतु भूमिंपूजन 22 को
बैतूलः- सूर्यपुत्री मां ताप्ती के तट पर स्थित खेड़ीघाट में 8 से 16 दिसम्बर तक होने वाले ‘‘श्रीराम महायज्ञ एवं श्री रामचरित मानस पारायण’’ के लिए 22 नवम्बर सोमवार को प्रातः 9 बजे भूमिं पूजन किया जाएगा। समूचे मध्यभारत में अपनी तरह का यह अनूठा धार्मिक आयोजन है, जहां धर्म, अध्यात्म और परमार्थ की त्रिवेणी प्रवाहित होगी। इस अनूठे आयोजन में भारतवर्ष में उपलब्ध सम्पूर्ण रामायणों पर देश के प्रख्यात एवं प्रकाण्ड विद्वान अपने विचार प्रकट करेंगे। अनेको ब्राम्हणों का यज्ञोपवीत संस्कार होगा एवं निर्धन कन्याओं के विवाह भी सम्पन्न होंगे। भूमिं पूजन कार्यक्रम में कई प्रशासनिक अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं पत्रकारगण उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति ने महोत्सव में पधारने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समुचित व्यवस्थाएं की है। यह आयोजन श्रीराम सेवा समिति के तत्वावधान में मानस महारथी पं. निर्मल कुमार शुक्ल के मार्गदर्शन में सम्पन्न होगा।
मॉ ताप्तीजी के पावन तट पर सूर्यवंशावतंश मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीरामजी की प्रसन्नता हेतु एवं जनमानस में श्रीराम भक्ति की अभिवृद्धि तथा चराचर विश्व के मंगल की दिव्य भावना से श्रीराम महायज्ञ का पावन कार्यक्रम दिनांक 08 दिसम्बर से 16 दिसम्बर तक होगा। इस आयोजन के तीसरे दिन पंचमी तिथि को देवयोग से भगवान श्रीराम के विवाह का प्रसंग होगा, त्रेता युग में इसी तिथि को सीता माता एवं भगवान श्रीरामजी का विवाह हुआ था। वक्तागणों में चित्रकूट से श्री श्री 1008 रामानन्दाचार्य कामतगिरी पीठाभीस्वर स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज, श्री मुरलीदासजी महाराज एलकीमठ (महाराष्ट्र), मानस कोकिला नीलम गायत्रीजी (झांसी), श्री आलोकजी मिश्र (कानपुर), पत्रकार विचारक एवं चिंतक श्री गीत दीक्षित (भोपाल), नवान्ह परायण आचार्य पंडित जगजीवनजी शुक्ला (प्रयाग), श्री रघुनाथदास जी रामायणी (करेली), यज्ञाचार्य श्री केशवप्रसादजी उपाध्याय (रहटगांव) पधारेंगे।
Dhanyawad aapka itni achhi khabar di.