‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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बढता भारत संभालो युवावर्ग

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मनमोहन जी कुच्छ यु बोले .............
                 अब तो दुनिया मै
                                  भारत की है साख बड़ी
फ़्रांस , रूस , चीन , अमेरिका मै
                               रिश्तो की अब बात बनी     
 दक्षिण एशिया के पास तो 
                            तेजी से बड़ने की वो शक्ति है
 लेकिन ये सब बाते तो
               शांति , सोहार्द पर ही निर्भर करती हैं
पाकिस्तान के संबंधो को
                     सामान्य बनाने का विचार किया
लेकिन आतंकी तंत्र पर काबू पाने तक
                       उस बात को वही तमाम किया
राजनीति की रेल - पेल  से
                      थक कर युवावर्ग को सम्मान दिया
राहुल जी की तारीफों मै ,
                   उसको एक अच्छा  नेता कह भी दिया
चलो किसी व्यक्ति ने तो
                   युवावर्ग का ख्याल किया
कुर्सी पर तो अभी बैठा न कोई
              पर बच्चों  का होंसला तो बड़ा दिया !

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