कितनी प्यारी होती हैं बेटियां
हर घर को रोशन बनाती हैं बेटियां
पापा की भी दुलारी होती हैं बेटियां
ओस की बूंदों सी नम होती हैं बेटियां
कली से भी नाजुक होती हैं बेटियां
सपर्श मै अपनापन ना हो तो रो देती बेटियां
रोशन करता बेटा तो सिर्फ एक ही कुल को
दो -दो घरों की लाज निभाती हैं बेटियां
सारे जहां से प्यारी होती हैं बेटियां
पलकों मै पली , सांसो मै बसी धरोहर होती हैं बेटियां
विधि का विधान कहो, या दुनिया की रस्मो को मानो
मुठी मै भरे नीर सी होती हैं बेटियां
चाहे सांसे थम जाये बाबुल की ,
हथेली पीली होते ही पराई हो जाती बेटियां !
फिर क्यूँ ???
कभी जलाई ... कभी कोख में कुचली जाती हैं... ये बेटियाँ ??
माफ़ कीजिये... आपकी रचना बहुत खूबसूरत है पर मैं उसे एक प्रश्न के साथ छोड़ रही हूँ ...
सच में बेटियां ऐसी ही होती हैं ....
जो इस बात को नहीं समझते वो महा अज्ञानी हैं ..
क्षितिजा आपने लेख पड़ा आपका बहुत बहुत धन्यवाद दोस्त !
आपने हमसे प्रशन पुच्छा हमे अच्छा लगा !
पर इसका सही जवाब तो हम भी नहीं दे पाएँगे दोस्त क्युकी हमे तो सिर्फ प्यार करना आता है नफरत केसी होती है शायद नफ़रत करने वाले ही बेहतेर बता पाए ?
बहुत बहुत धन्यवाद !
संगीता जी हमे आप बहुत अच्छी लगती हैं जब आप हमसे कुच्छ कहती हैं तो बहुत अच्छा लगता है पाता नहीं क्यु अपना सा लगता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
This big matter to discus..
Betiya hi kyo byahi jaati hai? bete kyo nahi ?
आपके सवाल का इतना सा जवाब दे पाऊँगी दोस्त शायद उन्हें एसा कर लेने के बाद अपनी गलती का एहसास होता हो !
लेख पड़ने के लिए धन्यवाद !
bahut hi gambheer vishay par lekh likha hai aapney .. badhaayee.