‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
Powered by Blogger.
 

रहमत का असर

2 comments


खुदा की रहमत है जो हमको ...............
सबसे मिलवाती है !
उसकी ज़रा नवाजी ही है ............
जो हमे इस काबिल बनाती है !
वर्ना हम तो खुद मै ....................
एक अदना सा फ़साना है !
वो ही सब जानता है .....................
हमे  कहाँ तलख जाना है !
हमे तो बस करम ................
करते जाना है!
और बस उसका करम .............
खुदा के बन्दों  तक ले जाना है !
उसके करम से ये जहां ...............
सारा मालामाल जो  हो जाये !
ये जिंदगी  फिर सबकी  ..............
बेइंतिहा  हसीन हो जाये !
हर कोई  यहाँ पर ......................
अपनी ही जान हो जाये !
हर किसी के  दर्द मै  .............
बस हमको आह्ट हो जाये !
हमारी दवा से बस ...........
मरहम का असर हो जाये !
इंसानियत ही इंसा का  ...............
 धरम  हो जाये !
गेर का नाम सदा ..................
दुनिया से कट  जाये !
यु कहो की हर कोई .............
ज़नत  को भूल कर फिर ...........
इसी  दुनिया मै खो जाये !
और सबके जीवन का ...............
मकसद ही सफल हो जाये !

2 Responses so far.

  1. post se bhi sunder chitra lagi. aabhar.

  2. धन्यवाद दोस्तों हमारे लिये इतना ही बहुत है की आपने यहाँ का रुख किया और इसे निहारा हमे फिर से लिखने की ताकत मिल गयी इसके लिए हम आपके शुकर गुजार हैं दोस्त !

 
स्वतंत्र विचार © 2013-14 DheTemplate.com & Main Blogger .

स्वतंत्र मीडिया समूह