पेड़
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इंसानों से बड़ा पेड़
मगर ज़मी से जुड़ा पेड़ !
इंसानों की खातिर फिर
कितने तुफानो से लड़ा पेड़ !
धरती की भूमि पर .............
चित्र सरीखे खड़ा पेड़ !
जाने किसके इंतजार मै ............
सड़क किनारे खड़ा पेड़ !
पंडित और मोलवी की बाते सुन
पल भर न डिगा पेड़.!..
धूप रोक फिर छाया देकर ........
फ़र्ज़ निभा फिर झड़ा पेड़ !
सीने मै रख हवा बसंती
आंधी मै फिर उड़ा पेड़ !
खेतो मै पानी लाने को
बादल से जा भीड़ा पेड़ !
फल खाए जिसने उसने ही काटा
जान शर्म से गड़ा पेड़ !
इंसा की जरूरतों को पूरा करते ...........
कटा ज़मी पर पड़ा पेड़ !
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wahh bahut sundar rachna..
na poochhiye pedo ki wafadari..
jab bhi insaano aur pedo ki baat hoti hai..
to we hare bhare ped jyada wafadar lagte hai.