‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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यू अकड़कर दूर जाना तेरा..

5 comments
यू अकड़कर दूर जाना तेरा..
अक्सर हमें और करीब ला लेता है॥
हमसे दूर जाने का बहाना है तेरा?
या हमें सताने का कोई ख्याल मन में आता है?

अक्सर भौरों को फूलो पर मंडराते देखे है मैंने॥
फूल का भौरों की राह ताकना देखो क्या रंग लाता है॥
उस खुदा के उसूलो में उलझ जाते है कभी कभी॥
जो न चाहो वो करीब ही है॥
और जो चाहो वो बड़ी मिन्नतो से आता है॥

5 Responses so far.

  1. ZEAL says:

    उम्दा प्रस्तुति !

  2. अच्छा प्रयास है ज्योति इसी तरह आगे बड़े जाओ दोस्त देर से जवाब देने ले लिए माफ़ी चाहती हु और जब लिखना शुरू कर ही दिया है तो आगे बड़ते चलो !
    बधाई !

  3. Anonymous says:

    thanks, enjoyed the article

  4. Anonymous says:

    Mais si le seton ne procure

 
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