‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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सर्दी का उपहार

6 comments


सर्दी कि जब बात हो ,
              परिवार का भी साथ हो !
नई नवेली दुल्हन कि ,
               घर मै जब पुकार हो !
मूंगफली कि आवाज़  हो ,
              गुडपट्टी का भी साथ हो !
और एसे मै फिर ..............
              लोहड़ी कि ही न बात हो !
इस बार तो फिर ...........
       लहलहाती फसलों कि ही सोगात  हो !
हर किसान के चहरे पर 
              बल्ले -बल्ले कि ही आवाज़ हो !
हर घर के आँगन मै ...........
              ढोल - नगाड़ों का ही साथ हो !
तो हो जाये एक बार ...............
             सुन्दर  - मुंदरिये हो ........
             तेरा कोंन बेचारा रे .............
            दूल्हा भट्टी  वाला हो ..............
            दुल्हे दी धी व्याही हो .........
             सेर शक्कर पाई हो !   
आप सबको लोहड़ी  कि शुभकामनायें ! 

6 Responses so far.

  1. Anonymous says:

    नवरसों से सिक्त आपकी रचना बहुत अच्छी लगी!
    नववर्ष के साथ-साथ उत्तरायणी की शुभकामनाएँ भी स्वीकार कीजिए!

  2. Lohdi ki aapko bhi badhaayee

  3. धन्‍यवाद, आपकी लोहड़ी में ये सब हो.

 
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