‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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हर कोई प्रतिभावान

4 comments

लेखक , कवि व् साहित्यकार 
तो पहले भी कई हुए !
 अपने - अपने विचारों से 
सबने  पन्ने भी हैं भरे !
स्कूल , कालेजों मै , 
हमने भी उन्हें पढ़ा ,
पर क्या आज तक उनके 
 कहने पे कोई  चला ?
हर किसी ने अपनी ही बात का 
अनुसरण  है  किया !
क्युकी हर कोई अपनी
दिल कि कहानी लिखता  है !
अपनी ही सोच को ...............
 ख़ाली कर .............. आने वाली
सोच का स्वागत करता है !
 ये उसकी एक छोटी सी.......... 
कोशिश ही तो  होती है !
यु समझो अपने साथ बीते............
लम्हों कि बात  होती है   !  
क्युकी ...... इन्सान के सोच का 
तो कोई अंत नहीं !
अगर कोई लिखने लगे तो 
दिनकर , प्रेमचंद जी से भी कोई कम नहीं !
हर किसी के पास............... 
सोच का एक बड़ा खजाना है !
यु समझो सबने  अपने विचारों से 
इतिहास को रचते  जाना है   !

4 Responses so far.

  1. सही कह रही हैं ………………सुन्दर अभिव्यक्ति।

  2. सटीक बात कही है ...अच्छी प्रस्तुति

  3. adarniya minakshi ji ,
    sau takey ki baat kahi hai aapne
    har rachnakar apne aap me poorn hai.
    bahut sundar!

  4. सुन्दर अभिव्यक्ति।

 
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