‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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संतो द्वारा समरसता के प्रयास

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आद्य संकराचार्य

देश की एकता, अखण्डता एवं समरसता निर्माण में अपने यहाँ संतो का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

संतो की लम्बी श्रंृखला में से कुछ प्रमुख संत-

1. आद्य शंकराचार्य- एकात्म भाव निर्माण के लिए पंचायतन पूजा अर्थात पंचदेवताओं की पूजा एवं चार मठों की स्थापना। (हजारों वर्षो तक एकता बनाये रखने के लिए है।)


गुरुनानक देव जी

2. श्री गुरुनानक देव ने सामुहिक भजन, भोजन एवं पूजन की बात कही। (संगत, पंगत एवं गुरु द्वारा)


3. संत तुलसीदास ने लोक भाषा में रामायण लिखकर लोक जागरण का कार्य किया। समाज में आत्मविश्वास का भाव एवं मुगलों से प्रतिकार करने का भाव जगाया। सम्पूर्ण देश में हनुमान मंदिरों और व्यायाम शालाओं का निर्माण करके शक्ति जागरण का कार्य किया।

संत तुलसीदास जी

4. आचार्य शंकरदेव ने आसाम क्षेत्र में कर्मकाण्ड का विरोध किया एवं प्रभुनाम का स्मरण करने के लिए प्रेरणा दी। नाटकों का मंचन प्रारम्भ कर समाज जागरण का कार्य किया। गीता, भागवत, उपनिषदों का असमियाँ में अनुवाद कराया।

समर्थ रामदास

5. नायनमार-अलवार ने दक्षिण क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बनाया तथा पूजा पद्धति में आये दोषों को दूर किया।

6. समर्थ रामदास जी ने

सामाजिक समरसता के भाव का निर्माण किया। अछूत वर्गो को भोजन कराने का उदाहरण सर्वविदित है। हनुमान मंदिर एवं 1100 व्यायाम शालाओं की स्थापना एवं उनके महंत तय किये। एक हजार सूर्य नमस्कार उनके शिष्यों द्वारा करने का

दृष्टांत ध्यान देने योग्य है। शिवाजी को ‘‘छत्रपति शिवाजी‘‘ बनाने में समर्थ रामदास एवं उनके शिष्यों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

7. संत एकनाथ जी ने मुगल शासनकाल में अपने व्यक्तिगत और व्यक्तित्व से अनेक उदाहरण प्रस्तुत किये। पिता के श्राद्ध में झूंडो को भोजन कराना हो अथवा, गधें को गंगाजल पिलाने की बात हो।

8. संत तुकाराम ने अभंगो की रचना कर समाज को दिशा प्रदान की हिन्दु जीवन दर्शन की बाते बताई।

9. विद्यारण्य स्वामी- ने दक्षिण भारत में हिन्दू साम्राज्य का बहुत बड़ा केन्द्र विजय नगर साम्राज्य की स्थापना की। घर वापसी का काम उन्होने प्रारम्भ किया हरिहर एवं बुक्का को हिन्दू बनाया।

10. भक्त पीपाजी गांगरोन के महाराजा थें वे अवतारी पुरूष थे। गुरुगं्रथ साहिब में उनकी वाणी का उल्लेख है।

धन्ना भगत

11. संत धन्ना भगत ढोंढ के पास धुँआ गॉव के थे। सद्गुण उपासक थे, ऐसा कहा जाता है कि स्वयं श्रीकृष्ण उनकी खेती करते थे।

12. बाबा रामदेव एक जागीरदार थे, फिर वे संत हो गये। समाज में ऊंच-नीच का भाव समाप्त करने के लिए कार्य किया। आज भी समाज उनमें श्रद्धा रखता है।

बाबा रामदेव
मीरा बाई

13. संत जम्बनाथ जी ने बीस और नौ अर्थात 29 नियम बनाकर समाज को अहिंसा की प्रेरणा दी। जीव सुरक्षा एवं जीव दया का भाव निर्माण किया। जोधपुर के पास खेजडली गाँव में 363 विस्नोई समाज के महिला पुरूषों ने वृक्ष बचाने केलिए अपना बलिदान दे दिया।

14. भक्त मीरा के सत्संग में जातिपाति का भेद नहीं था। मेड़ता के कृष्ण मंदिर में प्रथम प्रसाद चर्मकार परिवार से चढ़ाने का विधान है।

15. राम स्नेही सम्प्रदाय ने जातिपाति के बन्धनों को मिटाया।

16. नाथ सम्प्रदाय, मारवाड़ एवं शेखावटी के हिन्दुओं को हिन्दू बनाये रखने में नाथ सम्प्रदाय, का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

संत तुकाराम

17. गोविन्द गुरु ने वनवासी क्षेत्रो में माँसाहार, एवं चोरी नहीं करने की शिक्षा दी।

9 Responses so far.

  1. हमारे देश में संतों की महान परम्परा रही है ..उनका जीवन दर्शन कालजयी है ..जीवन को जीने का जो सलीका हमें संतों ने सिखाया है ..काश हम उसका अनुसरण कर पाते तो आज हमारे हालत यह नहीं होते ..संतों ने अखंडता और परस्पर सोहार्द बनाये रखने के लिए जो दर्शन हमारे सामने रखा है ...अगर हम उसका अनुकरण करते तो आज हम सही मायने में इंसान कहलाने के हकदार होते ...आपका आभार

  2. खुबसूरत जानकारी के लिए धन्यवाद !

    ज्ञानवर्धक पोस्ट !

  3. Anonymous says:

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  4. Anonymous says:

    alla toujours en augmentant.

 
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