‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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अनेकता में एकता

15 comments

‘‘अनेकता में एकता का हमारा वैशिष्टम हमारे सामाजिक जीवन का भौतिक एवं आध्यात्मिक सभी क्षेत्रों में व्यक्त हुआ है। वह उस एक दिव्य दीपक में समान है जो चारों ओर विविध रंगों के शीशों से ढका हुआ हों। उसके भीतर का प्रकाश दर्शक के दृष्टिकोण के अनुसार भांति भांति के वर्णों एवं छायाओं में प्रकट होता है।’’

’’श्रीगुरूजी’’

15 Responses so far.

  1. अनेकता में एकता हमारी पहचान है.

  2. Anonymous says:

    Hello! I just wanted to take the time to make a comment and say I have really enjoyed reading your blog.

  3. Anonymous says:

    I ringt und so lange hier verweilen lasst,

 
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