क्यु हरदम टूट जाने की बात करती हो |
नारी हो इसलिए बेचारगी की बात करती हो |
क्या नारी का अपना कोई आस्तिव नहीं ?
एसा कह कर खुद को नीचे गिराने की बात करती हो |
खुद को खुद ही कमजोर बना , ओरों पर क्यु
इल्ज़ाम लगाने जैसी बात कहती हो ?
खुद को परखने की हिम्मत तो करो |
कोंन कहता ही की तुम ओरों से कम हो ?
एसे तो खुद ही खुद को कमजोर
बनाने की बात कहती हो |
नारी की हिम्मत तो कभी कमजोर थी ही नहीं |
ये तो इतिहास के पन्नों में सीता , अहिल्ल्या
सती सावित्री की जुबानी में भी है |
फिर क्यु घबरा कर कदम रोक लेती हो ?
अपनी हिम्मत को ओरों से कम क्यु
समझती हो |
अपना सम्मान चाहती हो तो पीछे हरगिज़
न तू हटना |
पर किसी को दबाकर उपर उठाना एसा भी
तू हरगिज न करना |
इस सारी सृष्टि में सबका अपना बराबर
का हक है |
खुद के हक को पाने के लिए किसी को भी
तिरस्कृत तू हरगिज़ न करना |
ये नारी तू प्यार की देवी है |
इस नाम को भी कलंकित तू
कभी न करना |
प्यार से अपने हिस्से की गुहार
तू हर दम करना |
अपने साथ जोड़ना ... किसी को
तोड़कर आगे कभी मत बढ़ना |
साथ लेकर चलने का नाम ही समर्पण है |
नारी के इसी प्यार पर टिका सृष्टि
का ये नियम भी है |
इसको बचा कर रखना इसमें तेरा ,
मेरा और सबका हित भी है |
नारी को अपना अंदाज़ बदलना ही होगा ...अच्छी प्रस्तुति
अच्छी रचना।
महिला दिवस की शुभकामनाएं।
इसे भी पढें ओर अपने विचारों से अवगत कराएं।
http://atulshrivastavaa.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
अपने साथ जोड़ना ... किसी को
तोड़कर आगे कभी मत बढ़ना |
साथ लेकर चलने का नाम ही समर्पण है |
नारी के इसी प्यार पर टिका सृष्टि
का ये नियम भी है |
इसको बचा कर रखना इसमें तेरा ,
मेरा और सबका हित भी है |
नारी मन की गहरी बात, एक सवाल के साथ, उत्तर देती रचना बधाई
नारी के इसी प्यार पर टिका सृष्टि
का ये नियम भी है |
इसको बचा कर रखना इसमें तेरा ,
मेरा और सबका हित भी है |bahu khub line ban padi hai
bahut sundar abhivyakti.
bahut badiya,
ati sundar
Very informative post. Thanks for taking the time to share your view with us.
place tout pres du malade,