मित्रो मै सन २००२ के बाद से मोदी जी को जानता हूँ..
२००५ में जब अमेरिका ने मोदी जी को वीजा देने से इनकार किया...
तब बहुत से मोदी समर्थको की ही तरह मेरे मन में भी एक खयाल आया
कि क्या मोदी जी भारत के प्रधानमन्त्री नहीं हो सकते?
बस धीरे-धीरे "मिशन पीएम" के लिए मोदी समर्थक सोशल मीडिया पर पूरी ताकत से भिड़ गए.. यह ओ समय है जब बीजेपी से इतर मोदी जी का एक प्रथक से बड़ा समर्थक वर्ग तैयार हुआ...
शुरू में हमारा मिशन किसी मांग, आन्दोलन, हो-हल्ला से बहुत कम, मोदी जी के गुजरात से जुड़े कार्यो को जनमानस तक पहुचाने तक का था बस..
और जब भी कांग्रेस की खिलाफत की बारी आती थी तो मोदी हमारा हथियार थे ..
हमारे मोदी जी के प्रति इतनी गहरी रूचि के पीछे कोई "विशेष कारण" तो नहीं, पर जो भी कारन था वो हमें प्रेरित करने के लिए काफी था..
चूँकि मैंने तो बचपन से ही हिन्दुओ का दमन देखा था और महसूस भी किया था..
ऐसे में मै मोदीजी में अटल जी की छवि के साथ एक "हिंदुत्व का रक्षक" देखता था, और इसलिए मै उन्हें देश का सबसे ताकतवर व्यक्ति के रूप में देखना चाहता था.. ताकि सेकुलरिज्म के चक्की में दिनों-दिन पिस्ता हिन्दू इससे मुक्त हो सके..
उसके बाद धीरे-धीरे वक्त चलता रहा और परिस्थितिया अनुकूल होती गयी..
२०१२ में मोदी जी गुजरात के चौथी बार मुख्यमंत्री बने उन्हें मिला जनमत हमारे लिए ताकत बना...
अब हमारा संघर्ष उनकी स्वयं की पार्टी के अंदरूनी मामलो तक पहुच गया,
सोशल मीडिया की ताकत थी कि अंततः पार्टी में भी मोदी जी की लोकप्रियता का लोहा माना जाने लगा और पार्टी के अन्दर भी उनके समर्थक आवाज उठाने लगे..
१३ सितम्बर २०१३ को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
२००५ से लेकर उनके प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने तक हम लोगो ने बिना भाजपा की मदद के ही इतनी बड़ी जमीन तैयार कर दी थी कि उसपर सिर्फ अमित शाह नाम का हल चलाने की देरी थी, और प्रधानमंत्री की कुर्शी हमारे हाथ में थी.....
चुनाव के आते आते सोशल मीडिया से हटकर हमको मोदी जी की कैंपेन टीमो में से एक में शामिल होकर जमीनी कार्य करने का मौका मिला, हम-सबने मिलकर दिन-रात एक कर दिया और परिणाम हमारे सामने है......
आज हमारा नेता "नरेन्द्र दामोदर दास मोदी" लाल किले से झंडा फहराने जा रहे है...
बहुत से लोग कहते है मोदी तो प्रधानमन्त्री बन गया, बहुत से मोदी समर्थक बीजेपी में बड़े बड़े नेता बन गए, पर तुम्हे क्या मिला?
मै कहता हूँ, हाँ हमें कोई बड़ी पहचान नहीं मिली, और ये कामना हमारी कभी थी भी नहीं पर मुझे कुछ मिला है जो बहुत कीमती है:-
मुझे गर्व से सर ऊँचा करने का मौका मिला, मै कह सकता हूँ, कि ये प्रधानमन्त्री हमने बनाया है ..
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाये...
वन्दे मातरम....
याददास्त...
#Krishna Baraskar
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